वो कहावत सुनी है आपने खुदा पहाड़ निकला चूहा लेकिन इस बार खुदाई के बाद पहाड़ के पीछे से बिल्ली निकली है, जिसने पंजा मार के मेरे आपके सपनों का मर्डर कर दिया है। डायरेक्ट हेड शॉट अरे ऑक्सफोर्ड की डिक्शनरी चेंज करने का वक्त आ गया है। मेरे दोस्त उसमें जो डिसअप्पोइंट नाम का शब्द है, उसके आगे जो भी मीनिंग लिखी है सब काट दो। वहाँ आज के बाद सिर्फ एक नाम लिखा जाएगा Adipurush वो जीसको हम बिठाना चाहते थे आँखों की पलकों पे लेकिन इसके टीज़र ने तो आँखों को ही अंधा कर दिया। बॉस 2021 की सबसे बड़ी मिस्ट्री थी। रसोई में कौन था? लेकिन 2022 में उससे भी बड़ा सवाल मेरे दिमाग में आया Adipurush के टीजर को देखने के बाद।
इस कार्टून शो को बनाने में 500,00,00,000 का खर्चा कहाँ हो गया? जवाब देने की हिम्मत फ़िल्म से जुड़े लोगों की होगी नहीं, लेकिन मैं बताऊँ आपको सब की पोल खोलेंगे। आज टीवी पर महाभारत एक शो आया करता था। मुझे नहीं पता वो आप में से कितने लोगों ने देखा है, लेकिन श्रीकृष्ण के रोल में इस ऐक्टर को एक ना एक बार तो आपने 100% जरूर देखा होगा। दोस्त इसको बोलते हैं। गॉड ली प्रेजेंस ऐसा लगता है सीधा भगवान उतर के आ गए हैं। इंसानों के बीच में बोलने का तरीका, चलने का ढंग, चेहरे का रंग सब कुछ इतना एक्सीलेंट है की आपका सर्विस पैक में अपने आप झुक जाता है और इसका ठीक उल्टा बोलूं। कुछ लोग बहुत बुरा मान जाएंगे लेकिन बुरा लगना भी चाहिए क्योंकि आपने जो किया है वो किसी पाप से कम नहीं है।
प्रभास लॉर्ड रामा 0% फिट लग रहे हैं। इस टीज़र में उनके चेहरे के एक्स्प्रेशन्स टोटल फेल्यर है। राम जी को हर बात पे मुँह फुला मैंने तो कभी नहीं देखा। ऐसे कैरेक्टर को प्ले करने के लिए एक चार फैक्टर चाहिए होता है जिसे देखते ही लोगों की आंखें बड़ी हो जाए और वो हाथ जोड़कर सर झुका लें। इन लोगों का फोकस भगवान के नकली सिक्स पैक ऐब्स बनाने पर ज्यादा है। उसके चक्कर में इस कैरेक्टर के साथ जुड़े हुए इमोशन्स पर ध्यान देना तो भूल ही गए। अरुण गोविल सर को देखो ना कोई सिक्स पैक ऐब्स और ना ही फालतू बॉडी शॉडी दिखाने का नाटक सिर्फ अपने प्रेज़ेंट से वो आपको श्रीराम के साथ कनेक्ट कर देंगे या फिर ज्यादा पीछे ना जाते हुए
रिसेंटली रिलीज हुई आर आर को उठाओ। राम चरण का ट्रांसफॉर्मेशन छोटा सा है, लेकिन एकदम कड़क, पावरफुल ऐंड इम्प्रेसिव दिल, दिमाग तीनों को सैटिस्फैक्शन की 100% गैरैन्टी और यहाँ Adipurush के टीज़र में प्रभास से जुड़ी हुई एक भी चीज़ अच्छी नहीं लगी। मुझे माइक्रोस्कोप से ढोंगी तो भी कुछ अच्छा नहीं मिलेगा। सॉरी टु से इससे ज्यादा अट्रैक्टिव मुझे प्रभास बाहुबली के कैरेक्टर में लगे थे, जबकि वो तो फिक्शन था। यहाँ श्रीराम को प्ले करने का चान्स मिल रहा है। मुश्किल से इंडियन सिनेमा की हिस्टरी में 10 ऐक्टर्स को ये मौका मिला होगा। आज तक बट क्या मजाक उड़ाया इन लोगों ने फैन्स के एक्सपेक्टेशन्स और इंडियन सिनेमा का लेवल दोनों को एक दम कुचल के रख दिया। अब देखना तुम जनता का पावर।
ऑनेस्ट्ली प्रभास से ज्यादा एक्साइटमेंट तो मुझे सेफ को इस रावण देखकर हो रहा है। कम से कम नेगेटिव कैरेक्टर के साथ वो जस्टिस करने की कोशिश तो कर रहे हैं बिचारे को फालतू का हेर्कट अलग से चिपका दिया इवन कृति सैनन सीता कितनी रिफ्रेशिंग लग रही है। बेचारी को ज्यादा सीन्स ही नहीं दिए। पर एक बात बताओ जब हमको कार्टून में ही रामायण को देखना है तो चार 5 साल और 500,00,00,000 लगाके आदि पुरुष को बनाने की क्या जरूरत थी? पड़ोस में किसी सीडी डीवीडी वाले भैया से रामायण की कैसेट मांग लेते हैं या फिर यूट्यूब पे एकदम फ्री कितनी सारी एनिमेटेड मूवीज़ ऑलरेडी एग्जिस्ट करती है एंड बिना किसी शक के उनके एक्सप्रेशन प्रभास से ज्यादा ही अच्छे है। बट गुस्सा हम लोग गलत इंसान पे निकाल रहे हैं, हमेशा बेचारा ऐक्टर ही फंसता है। इस Adipurush असली विलेन इसके डायरेक्टर हैं ओम राउत। क्या किया सर आपने कॉन्फिडेन्स अच्छी चीज़ है लेकिन ओवर कॉन्फिडेन्स का सर पे चढ़ ना मतलब ऐसे बचकाने प्रोजेक्ट्स में पैसे बर्बाद करना, वीएफएक्स और सीबीआइ के नाम पे ये आप क्या चूना लगा रहे हैं? ऑडियंस को हम नर्सरी में पढ़ने वाले बच्चे है। क्या इतना पुअर ऐनिमेशन, वो भी टॉप लेवल बॉलीवुड फ़िल्म का जितना ज्यादा सोचोगे उतना और ज्यादा गुस्सा आएगा। फैक्ट है ये बात जब बजट में पैसा पानी की तरह बह रहा है तो असली ऐक्टर्स को कास्ट करना। ये सब रोल में फालतू के कार्टून क्यों बना रहे हो? अब तो सिर्फ एक नाम दिमाग में आता है एसएस राजमौली बस इन का ही सहारा है। बाकी किसी से उम्मीद लगाना मतलब दिल के तुकडे करवाना।
इसीलिए मैंने बोला था ब्रह्मोस को सपोर्ट करना जरूरी है। कम से कम वो वीएफएक्स सीजीआई की क्वालिटी लेवल को ऊपर उठाने के एफर्ट्स तो डाल रहे हैं। वहाँ जो लोग एक्स्पर्ट बनके उनकी बेइज्जती कर रहे थे। अब बहुत Adipurush के टीज़र के बारे में क्या ख्याल है? आपके सच बोलू बिना किसी फिल्टर के फ़िल्म का बजट हाइ है क्योंकि ऐक्टर्स की फीस आसमान छू रही है लेकिन बदले में उनका काम टोटल फेल्यर है। पैसे लेते है, घर चले जाते है बस और फ़िल्म के मेकर्स का पूरा ध्यान ऑडियंस का सैटिस्फैक्शन या फिर सिनेमा की क्वालिटी पे नहीं सिर्फ यूट्यूब पे लाइक्स और व्यूज के रिकॉर्ड बनाने पे है और चढ़ावा इन लोगों को सर पे आप सोचते हो ना हमारी?
किसी को बड़े पर्दे पर दिखायेंगे फ़िल्म के मेकर्स कितने एक्साइटेड होंगे? घंटा? ये लोग सिर्फ आपको एटीएम की तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं। रामायण, महाभारत जैसे सब्जेक्ट्स को सेलेक्ट करके बुरा लगे तो लग जाये, उससे सच नहीं बदलेगा। अगर कल्चर रिलिजन पे कोई बढ़िया फ़िल्म देखना चाहते हो ना तो कटारा देखो एकदम पॉवरफुल एंड डिवाइन एक्सपीरियंस है। इसको बोलते हैं भगवान को रिस्पेक्ट और ट्रिब्यूट देना। थिएटर से बाहर निकलोगे तो इंडियन सिनेमा के लिए दिल में इज्जत 100 गुना बढ़ जाएगी। वैसे एक बात बोलू इस पूरे टीज़र में सिर्फ एक इंसान का काम अच्छा लगा मुझे और वो टेक्निकली इस टीज़र में मौजूद भी नहीं है। शरद केलकर की वौस जो प्रभास को हिंदी डबिंग में भजन कर रहे हैं इनका इफेक्ट जोरदार है वरना टीचर सच में टोटल गार्बेज बन जाता।
अब चोरी चोरी चुपके चुपके इस टीजर को देखकर सबसे ज्यादा खुश कौन हो रहा है, जानते हो किंग शाहरुख खान भैया जी की फ़िल्म पठान का इनडायरेक्ट प्रमोशन जो कर दिया Adipurush ने रास्ते का सबसे बड़ा काँटा है तो बेचारा बुड्ढी के बाल जितना सॉफ्ट निकला अब ये लड़ेंगे पठान से फिलहाल तो मुझे 0% चांस लग रहा है। अब कोई जादू हो गया तो पता नहीं बोलो जी अब आपकी बारी आदि पुरुष के टीजर को बचाने का कोई बहाना तैयार कर रहे हो। क्या फिर इंडियन सिनेमा को ऐसे चूना लगाने वाले स्कैम से बचाने का कोई रास्ता ढूंढना चाहते हो? मर्जी आपकी जो दिल में आ रहा है, जैसा फील हुआ वैसे का वैसा नीचे लिख दो पब्लिक इसके किंग भूलना मत।
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